Poets

Ignatia 13 / इग्नेशिया १३ / اگنیشیا۔۔۔13

Ignatia 13
Sie benötigen den Flashplayer , um dieses Video zu sehen

Ordne das Holz.
Ordne das Holz und die Zahl.
Rolle dein Laken zusammen
und lüfte das Zimmer.
Wir liegen noch gut im Rennen!
Die hochgestellte Zahl ist die Zeit.
Wir schmücken sie mit dem Bruchteil des Holzes.
Unser Bett ist ein Bruchteil des Holzes.
Gewähr gibt es natürlich keine. Für nichts.
Selbst die Division durch die Null
unterliegt Tagesschwankungen.
Ich geteilt durch Null
das ist mein heutiger Kurswert.
Ordne das Holz.
Das Holz ist der Ort, den die Sprache
der Zeit auf den Tisch knallt.
Holz und Zeit.
Sie zeigen den Käfer, das Gras und die Linde.
Die Kornblumenkorridore der absoluten Stille.
Abende voller Atemlosigkeit.
Das schläfrige Anschlagen der Brandung.
Alles spielt sich ab. Gleichzeitig.
Bis endlich die Seele in See sticht.
In Zeitlupe.
Bis endlich auf dem Zehnmeterturm oben
das winzige Ich sich als Seele entpuppt
und ansetzt zum Kopfsprung.

Gerhard Falkner
इग्नेशिया १३

काठ को करीने से रखो.
काठ को करीने से रखो और संख्या को सहेजो.
अपनी चादर समेटो
और कमरे में हवा आने दो.
अभी मौके हमारे हाथ में हैं.
चरम संख्या ही समय है
जिसे हम काठ के छोटे अंश से सजाते हैं
हमारा बिस्तर काठ का एक अंश है.
बेशक कहीं कोई गारंटी नहीं. किसी भी चीज़ की नहीं.
शून्य से भाग करना भी
रोज़मर्रा के उतार-चढ़ाव पर निर्भर है.
शून्य से विभाजित मेरा
आज का बाज़ार भाव यही है.
काठ को करीने से रखो.
काठ वह जगह है जिस पर भाषा
समय को पटकती है.
काठ और समय.
वे गुबरैले, घास और पीपल के पेड़ को प्रकट करते हैं.
नीले फूलों के गलियारे की वह परम शांति.
निस्तब्धता से भरपूर शामें.
वे उनींदी लहरों के थपेड़े.
सबकुछ जारी रहता है. एक ही समय में.
जब तक कि आत्मा आखिरकार समुद्र में छलांग नहीं लगा देती.
धीमी रफ़्तार से.
जब तक कि वह नन्हा सा स्वत्व
आत्मा की तरह प्रकट नहीं हो जाता
और दस मीटर ऊंची मीनार से
सिर के बल छलांग लगाने की तैयारी नहीं करता.

Translation Hindi: Mangalesh Dabral

اگنیشیا۔۔۔13

لکرتھأووٹالہ
گرندتہتھأوو
پننشیتتھأوووٹتھ
کُٹھسدیوہوٍأٍژنہ
أسہچھرُتدوُنتگأن

سأروےکھوتہبڈگرندچھُوقت
أسیچھنیہلکرٹکروستیپأرأوتھتھوٍأن
سونپلنگچھلکرہند
أوکنیچھنہکُنہضمٍأنت؍---کنیتہچھنہ!
صفروسیتیتیےبٍأگنےکروس
سوتہچھےکألہپگہہہیوربونکرٍأن
صفروسیتیتقسیمکرتھچھُمیونأزیکمول

لکرتھأووسیود
یہچھےسوجأےیتھپیٹھوقتچزبأنچیزدأرتھچھےدوٍأن
لکرتہوقت
بومبر 'گأسہتہلنڈنکُل
مکأیہمنزنیلینپوشنہند
پھرکہہتیشأم
سودرسپیٹہٹھأسنہینہوألینیندرہتیملکھ
سورُےأکیآنہسپدٍأن
یوتأمآخرسروحسودرسمنزپننہوقتہوٍأتٍأنچھ
یتھپأٹھیدٍأہمیٹرتھدمینٍأرپیٹھکٍأنہہکلہکنییپأندأرتھدیہ

ترجمہ : شفیع شوق-نسیم شفأیی-بشیرأحمد
Translation Kashmiri: Shafi Shauq und Naseem Shafaie

 

Biography Gerhard Falkner

More poems

Ignatia 1 /
इग्नेशिया ९


Ignatia 9 /
इग्नेशिया ९