स्वास्थ्य

Schild vor einem Krankenhaus © Goethe-Institut/ Gina Bolle

क्या आप सिर्फ हलका सा बीमार महसूस कर रहे हैं? जैसे सर्दी-जुकाम या सिरदर्द? हल्की बीमारियों के लिए आप एक फार्मेसी से दवाइयाँ खरीद सकते हैं। जर्मनी में कई फार्मेसी उपलब्ध हैं। फार्मासिस्ट आपकी मदद कर सकते हैं। वे आपके सवालों का जवाब दे सकते हैं और सही दवा ढूंढने में सहायता कर सकते हैं।

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Gesundheit

फार्मेसी/दवाखाना

कई बीमारियों के लिए आपको दवाइयाँ केवल डॉक्टर के पर्चे/नुस्खे पर ही मिलेंगी। इस नुस्खे पर लिखा होता है कि आपको कौन सी दवा चाहिए। यह नुस्खा डॉक्टर द्वारा लिखा जाता है। नुस्खा होने पर आप ये दवाइयाँ किसी फार्मेसी से प्राप्त कर सकते हैं और आपको इसका केवल एक हिस्से का ही भुगतान करना होगा। बाकी का खर्च स्वास्थ्य बीमा द्वारा वहन किया जाता है।

फार्मेसी सामान्यतः सोमवार से शुक्रवार तक सुबह 8 बजे से शाम 6:30 बजे तक खुली रहती हैं, और शनिवार को दोपहर 1 बजे तक। हालांकि, शहरों में कुछ फार्मेसी रात 8 बजे तक भी खुली रहती हैं। इसके अलावा, शनिवार, रविवार और रात के समय के लिए आपातकालीन सेवा भी उपलब्ध होती है।

स्वास्थ्य बीमा

जर्मनी में सभी लोगों के लिए स्वास्थ्य बीमा करवाना अनिवार्य है। इस विषय पर जानकारी के लिए हमारे जानकारी लेख "बीमा" को पढ़ें।

डॉक्टर के यहाँ जाना

क्या आप बीमार महसूस कर रहे हैं या आपको चिकित्सीय सहायता की आवश्यकता है? बेहतर होगा कि ऐसे में आप किसी सामान्य चिकित्सक से अपॉइंटमेंट लें। ये डॉक्टर आपकी समस्याओं और बीमारियों से संबंधित सभी शुरुआती सवालों का जवाब देते हैं। इन्हें जनरल डॉक्टर भी कहा जाता है। डॉक्टर के पास जाना बहुत महत्वपूर्ण है। वे आपकी फिर से स्वस्थ हो सकने में मदद कर सकते हैं । यदि वे आपकी समस्या का समाधान नहीं कर सकते, तो वे आपको किसी विशेषज्ञ के पास भेज देंगे।

क्या आपका बच्चा बीमार है? तो आप बाल चिकित्सक के पास जाएं। सामान्यतः डॉक्टर से मुलाकात सोमवार से शुक्रवार तक ही होती है। शनिवार, रविवार और रात के समय के लिए एक आपातकालीन चिकित्सीय सेवा उपलब्ध होती है।

अपॉइंटमेंट लेने के लिए आप क्लिनिक में कॉल कर सकते हैं या ऑनलाइन अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं। अधिकांश डॉक्टरों के मामले में यह विकल्प उपलब्ध है। यह सरल और सुविधाजनक है। आप क्लिनिक की वेबसाइट पर जाकर समय चुन सकते हैं। आपको एक स्वीकृति प्रमाण प्राप्त होगा, जिसमें लिखा होगा कि आपको डॉक्टर के पास कब जाना है। अक्सर, अपॉइंटमेंट के ठीक पहले आपको एक ईमेल या एसएमएस के रूप में याद दिलाया जाता है।

डॉक्टर के पास जाते समय आपको अपने स्वास्थ्य बीमा कार्ड की आवश्यकता होती है। पहली बार जाने पर आपको एक फॉर्म भरना होगा, जिसमें आपकी व्यक्तिगत जानकारी लिखनी होती है। इसमें आपका नाम, पता आदि शामिल होता है। कभी-कभी क्लिनिक यह भी जानना चाहता है कि आपको कौन-कौन सी बीमारियां हैं और क्या आप नियमित रूप से कोई दवाइयां ले रहे हैं।

पंजीकरण के बाद आप प्रतीक्षा कक्ष में इंतजार करते हैं। आपका नाम बुलाया जाएगा। आमतौर पर इसमें केवल कुछ मिनट लगते हैं, लेकिन कभी-कभी यह एक घंटे से भी अधिक समय ले सकता है।

चिकित्सा कक्ष में डॉक्टर आपसे पूछते हैं: "आपको कहाँ दर्द हो रहा है? कब से? क्या आपको पहले भी ये दर्द हुआ है?" आपको अपनी परेशानी विस्तार से बतानी चाहिए। बातचीत के बाद आपकी जांच की जाती है। इसके बाद आपके रोग की पहचान की जाती है । डॉक्टर आपको बताते हैं कि आपको कौन सी बीमारी है और क्या करना चाहिए। अक्सर वे आपको दवाइयों के लिए एक नुस्खा देते हैं। ये दवाइयां आप फार्मेसी से ले सकते हैं। कभी-कभी आपको एक नई जांच के लिए अपॉइंटमेंट भी दिया जाता है।

यदि आपने वैधानिक स्वास्थ्य बीमा करा रखा है, तो डॉक्टर के पास जाने का खर्च आपको नहीं देना पड़ता। लेकिन निजी अतिरिक्त सेवाओं का भुगतान आपको स्वयं करना होगा। जिन लोगों ने निजी स्वास्थ्य बीमा करा रखा है, उन्हें एक बिल मिलता है। वे डॉक्टर के यहाँ जाने का खर्च स्वयं वहन करते हैं और बाद में स्वास्थ्य बीमा कंपनी उन्हें पैसे देती है।

बीमार होने की सूचना

अगर आप बीमार हैं और काम पर नहीं जा सकते, तो आपको अपने नियोक्ता को तुरंत सूचित करना चाहिए। आप अपने नियोक्ता को बीमार होने की सूचना देते हैं। इसके लिए आप फोन करते हैं और बताते हैं कि आपको कितने समय तक बीमारी की वजह से काम से छुट्टी चाहिए।

क्या आप डॉक्टर के पास गए थे?अगर आप बीमारी की वजह से काम नहीं कर सकते हैं, तो डॉक्टर आपको बीमार घोषित कर देंगे। इसे "बीमारी का प्रमाण-पत्र" कहा जाता है। इसमें लिखा होता है कि आप काम नहीं कर सकते और आपको घर पर आराम करना चाहिए। इसमें यह भी बताया जाता है कि आपको कितने दिन तक घर पर रहना होगा। इसके लिए आपको किसी प्रकार का कागज नहीं मिलता। डॉक्टर इसकी जानकारी सीधे आपके स्वास्थ्य बीमा को भेज देते हैं। आपका नियोक्ता इस बीमारी के प्रमाणपत्र को ऑनलाइन देख सकता है।

कुछ नियोक्ता बीमारी के पहले दिन से ही एक बीमारी प्रमाणपत्र चाहते हैं, जबकि कई नियोक्ता इसे तीसरे दिन से मांगते हैं। आप बीमारी प्रमाणपत्र के लिए क्लिनिक में फोन भी कर सकते हैं। हल्की बीमारियों के लिए आप पांच दिनों तक बिना डॉक्टर के प्रमाणपत्र के काम से छुट्टी ले सकते हैं। अगर आप लंबे समय तक बीमार रहते हैं, तो आपको डॉक्टर से मिलकर प्रमाणपत्र प्राप्त करना होगा।

विशेषज्ञ डॉक्टर

अलग-अलग प्रकार के डॉक्टर होते हैं, जो विभिन्न बीमारियों के विशेषज्ञ होते हैं। इन्हें विशेषज्ञ डॉक्टर कहा जाता है। ये डॉक्टर विशेष क्षेत्रों के विशेषज्ञ होते हैं। उदाहरण के लिए, हड्डी और जोड़ों के विशेषज्ञ होते हैं, जो हड्डियों और जोड़ों से संबंधित समस्याओं का इलाज करते हैं, जैसे अगर आपके हाथ की हड्डी टूट गई हो तो ये आपको देखते हैं I स्त्री रोग विशेषज्ञ महिलाओं की बीमारी के लिए होते हैं। वे नियमित जांचें करते हैं और गर्भवती महिलाओं की देखभाल करते हैं। इसके अलावा, कान, नाक और गले के डॉक्टर और कई अन्य प्रकार के विशेषज्ञ भी होते हैं।

अक्सर, आपका सामान्य चिकित्सक आपको किसी विशेषज्ञ के पास भेजता है। इसके लिए आपको एक किसी विशेषज्ञ के पास जाने के लिए परामर्श पत्र मिलता है। आपका डॉक्टर बाद में आपको आपके रोग के बारे में सूचित करेगा।

यदि आप जानते हैं कि आपको किस विशेषज्ञ की जरूरत है, तो आप सीधे उनके पास जा सकते हैं। आपको हमेशा परामर्श पत्र प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं होती। दंत चिकित्सक के लिए आपको कोई परामर्श पत्र नहीं चाहिए।

मानसिक स्वास्थ्य

क्या आप ठीक महसूस नहीं कर रहे हैं? क्या आप थका हुआ और कमजोर महसूस कर रहे हैं? शारीरिक स्वास्थ्य बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन आप सिर्फ शारीरिक रूप से ही नहीं, मानसिक रूप से भी बीमार हो सकते हैं। वह सब जिसका विचारों और भावनाओं से संबंध है I समस्याएँ, संकट, तनाव, भय या हिंसा हमें बीमार बना सकते हैं। अपनी मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें। अपना अच्छे से ख्याल रखें। अगर आप उदास, तनाव ग्रस्त या चिंतित महसूस कर रहे हैं, तो मदद लें।

निवारक स्वास्थ्य जांच

निवारक जांचों की मदद से गंभीर बीमारियों का जल्दी पता चल सकता है, जिससे आप तेजी से ठीक हो सकते हैं। स्वास्थ्य बीमा कुछ जांचों का भुगतान करता है, जबकि अन्य का खर्च आपको स्वयं उठाना पड़ता है।

बच्चों के लिए भी निवारक जांचें उपलब्ध हैं I ये बहुत महत्वपूर्ण होती हैं। संक्रामक बीमारियों जैसे खसरा, काली खांसी और मम्प्स के लिए टीके दिए जाते हैं। इस विषय में अधिक जानकारी के लिए हमारे जानकारी लेख "बच्चों के साथ जीवन" को पढ़ें I

35 वर्ष की उम्र के बाद से गुर्दे और हृदय-रक्त वाहिका के रोगों, मधुमेह और कैंसर की जल्दी पहचान करने के लिए निवारक जांचें की जाती हैं। महिलाओं के लिए स्तन की मांसपेशियों की जांच भी की जाती है। गर्भवती महिलाओं के लिए नियमित निवारक जांचें होती हैं।

लिंग, उम्र या परिवार में बीमारियों के हिसाब से कुछ विशेष जांचें होती हैं। वयस्कों के लिए भी टीके जरूरी होते हैं। अपने डॉक्टर से इस बारे में बात करें।

आपातकाल के लिए सबसे महत्वपूर्ण फोन नंबर

जर्मनी में सभी लोगों को पुलिस (110) और दमकल या आपातकालीन चिकित्सा सेवा (112) का फोन नंबर पता होना चाहिए। इसके अलावा, यदि आपको सहायता या परामर्श की आवश्यकता हो, तो अन्य फोन नंबर भी उपलब्ध हैं। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए हमारे लेख "आपातकालीन स्थिति में क्या करें?" को पढ़ें।

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